Thursday, February 11, 2010

फिर हार गई मुंबई

एक बार फिर हार गई मुंबई... एक बार फिर पस्त हो गई मुंबई... जब अपनों ने ही फैलाया आतंक तो टूट गया मुंबई का जज्बा... आतंक को मुंहतोड़ जवाब देने वाली मुंबई का हौंसला टुकड़े-टुकड़े हो गया... शिवसेना के गुंडों के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए... तो मुंबई की जनता भी पीछे हट गई... ये मुंबई की वो जनता नहीं है... जिसे हम जानते थे... ये 93 बम धमाकों के बाद की मुंबई नहीं है....ये 2003 धमाकों के बाद की मुंबई नहीं है... ये 2006 में ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद की मुंबई नहीं है... ये 26/11 के बाद की भी मुंबई नहीं है...ये वो मुंबई नहीं है... जिसने न जाने कितने हमले झेले... न जाने कितने आपदाएं झेली... लेकिन जो हर झटके के बाद फिर उठ खड़ी हुई... और उसी जोश और जज्बे से जिंदगी की जंग से लड़ने निकल पड़ी... ये हारी हुई मुंबई है... ठाकरे के गुंडों के आगे पस्त मुंबई... इस मुंबई में बॉलीवुड का किंग कहलाने वाला खान अकेला रह गया है... निरा अकेला...

वैसे दोषी सिर्फ मुंबई की जनता नहीं है... कम दोषी बॉलीवुड भी नहीं है... ठाकरे परिवार की गुंडागर्दी के खिलाफ मायानगरी कभी भी सीना तानकर नहीं खड़ी दिखी... मायानगरी के बड़े-बड़े सूरमा हमेशा ठाकरे दरबार में बंदगी बजाते दिखे... हमेशा मायानगरी के बड़े-बड़े सूरमा ठाकरे दरबार में सिर झुकाते दिखे... रील लाइफ में सैकड़ों को धराशयी कर देने वाले हीरो मुंबई के हिटलर के दरबार में घिघियाते ही दिखे... जब-जब मातोश्री ने जहर उगला... उस जहर में झुलसा मुंबई को मुंबई बनाने वाला मुंबईकर ही.. मुंबई में उत्तर भारतीयों पर भतीजे ठाकरे के गुंडों का कहर खूब जमकर बरपा... लेकिन रील लाइफ में जुल्म के खिलाफ जंग करने वाली मायानगरी खामोश रही... रील लाइफ का नायक रियल लाइफ के खलनायक के खिलाफ चुप्पी साधे रहे... मायानगरी के किसी भी सूरमा ने मुंबईकर की सुध लेने की कोशिश नहीं की... उस मुंबईकर की, जिसकी बदौलत उसकी रोजी-रोटी चलती है... जो अपनी गाढ़ी कमाई इन सूरमाओं के नकली स्टंट देखने में फूंक देता है... जब उसी मुंबईकर की रोजी-रोटी पर संकट आया तो सब मुंह छिपाए घूमते रहे... भतीजे ठाकरे के गुंडों का डंडा चला तो बॉलीवुड की बिलों में दुबक गए ये सूरमा... अपने दर्द के साथ अकेला रह गया मुंबईकर... छिटपुट बयानों को छोड़ दें तो कोई सीना तानकर सामने नहीं आया...

अब बारी इन सूरमाओ की है... बारी बॉलीवुड के किंग की है... मुंबई का नया डॉन बनने की चाहत पाले भतीजे की कुख्याति बढ़ी... तो बूढ़े चाचा को चिंता हुई... मुंबई की ठेकेदारी हाथ से जाती दिखी... बेटे ठाकरे का भविष्य अंधकार में दिखा... तो बूढे ठाकरे का जोश जाग गया... बूढ़े ठाकरे ने पुत्र मोह में मातोश्री से चला दिया जहर बुझा तीर... इस तीर के निशाने पर थे बॉलीवुड के किंग खान.... चाचा ने कांग्रेसी अभिनेता पर हल्ला बोला तो मुंबई की सरकार भी बुरा मान गई... सरकार ने चाचा को चेतावनी दी... तरह-तरह से धमकाया... लेकिन महाराष्ट्र के गृह मंत्री की पार्टी के आका जाकर ठाकरे दरबार में हाजिरी लगा आए... चाचा का दुस्साहस बुलंदी पर पहुंच गया... चाचा ने सरकार को ठेंगा दिखा दिया... चाचा ने मुंबई के सिनेमाहॉल मालिकों को धमकी दे दी कि किंग खान की फिल्म दिखाई तो खैर नहीं... सरकार ने खूब भरोसा दिया... लेकिन ठाकरे की गुंडागर्दी सरकार पर भारी पड़ी और थिएटर मालिक ने ठाकरे की धमकी के आगे सरेंडर कर दिया... सरेंडर तो बॉलीवुड का किंग भी करना चाहता था... लेकिन महाराष्ट्र की बेबस सरकार ने अपनी इज्जत का वास्ता देकर किंग को रोक लिया...

बॉलीवुड का किंग बॉलीवुड में अकेला पड़ गया... छिटपुट मरी-मरी आवाज के अलावा बॉलीवुड के किंग के समर्थन में कोई दमदार आवाज सामने नहीं आई... यहां तक के बॉलीवुड के बड़े बी ने तो बूढ़े ठाकरे की शान में कसीदे पढ़ दिए... दरअसल बड़े बी पुराना हिसाब चुकता कर रहे थे... ज्यादा पुरानी बात नहीं है... नजारा बिल्कुल यही था लेकिन किरदार बदले थे... भतीजे ठाकरे ने विधानसभा चुनावों से उत्तर भारतीयों को धमकाया तो बॉलीवुड के बड़े बी को भी निशाने पर लिया... बड़े बी ने शुरू में कुछ जोर दिखाया... लेकिन बाद में बड़े बी सरेंडर कर गए... जब बड़े बी पर भतीजा हल्ला बोल रहा था तो बॉलीवुड के बड़े-बड़े सुरमा दुबके रहे... बड़े बी को बॉलीवुड से किसी का साथ नहीं मिला... कांग्रेस और एनसीपी की सरकार से भी बड़े बी के समर्थन में कुछ खास नहीं बोली... बोलती भी कैसे बड़े बी कांग्रेस के अभिनेता तो थे नहीं... वैसे भी कांग्रेस को चाचा ठाकरे की पार्टी को नेस्तनाबूद करने के लिए भतीजे ठाकरे की दरकार है... भतीजा जितना मजबूत होगा चाचा उतना ही कमजोर और इस कमजोरी में कांग्रेस की मजबूती है... लेकिन इस बार मामला उलटा है... अबकी वार कांग्रेस और उसके अभिनेता पर है... लेकिन वार बूढे ठाकरे का है... और बूढ़े ठाकरे के गुंडों के आगे महाराष्ट्र की सरकार बेबस और बेदम नजर आ रही है....

1 comment:

निर्मला कपिला said...

बहुत दुख और अफसोस की बात है। देश को बरबाद करने वाले दो मुठी लोग पूरे देश पर हावी हैं इस से बडी इस देश की क्या विडंवना हो सकती है । आभार्